हेल्थ डेस्क. मोटापा घटाने के लिए हाई स्पीड में की गई रनिंग के बजाय एक निश्चित दूरी तक भागते हुए जाना और फिर वापिस आना ज्यादा फायदेमंद है। इसे स्प्रिंट कहा जाता है। कैलोरी बर्न करने के लिए फिटनेस फ्रीक लोगों के बीच यह वर्कआउट पॉपुलर है। सेलिब्रिटी फिटनेस एक्सपर्ट सुदाम शेलार से जानिए स्प्रिंट वर्कआउट के फायदे और इसकी टेक्नीक के बारे में...
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इसकी शुरुआत करने से पहले वार्मअप जैसे स्ट्रेचिंग, वॉकिंग या हल्की जॉगिंग कर सकते हैं। स्प्रिंट की शुरुआत किसी समतल जगह पर रनिंग से करें। इसके लिए रनिंग ट्रैक, जॉगिंग पाथ या घर के आसपास बना साइड वॉक एरिया चुन सकते हैं। इसे फ्लैट स्प्रिंट कहा जाता है। जब आप स्प्रिंट को अच्छी तरह सीख जाएं तो इनक्लाइन स्प्रिंट करें। इसके लिए पहाड़ों के सरपट रास्त चुनें।
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शुरुआत में 30 सेकंड तक स्प्रिंट करें। उसके बाद इसे 60 या 120 सेकंड तक कर सकते हैं। स्प्रिंट के बाद कूल डाउन के लिए फॉरवर्ड फोल्ड, डाउनवर्ड डॉग और वॉरियर 2 वर्कआउट जैसे विकल्प चुनें। इसमें वेरिएशन के लिए ब्रिस्क वॉकिंग और हल्की जॉगिंग जैसे विकल्प भी चुन सकते हैं। जानें इसकी प्रोसेस दस मिनट वॉर्मअप करें जिसमें लाइट जॉगिंग, स्ट्रेचिंग और वॉकिंग हो। पहले स्प्रिंट सेशन में 30 सेकंड का समय दें और उसके बाद 50 और 60 सेकंड तक इसे करें। उसके बाद 60-120 सेकंड तक वॉक करें। फिर से 30 सेकंड के लिए स्प्रिंट करें। इसी प्लान को 20 मिनट तक दोहराएं।
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- इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। वजन कम करने मे मदद मिलती है।
- ऊर्जा का स्तर बनाए रखने में यह सहायक है।
- रक्त संचार सुधारने के लिए इसे करना फायदेमंद है।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
- ह्रदय संबंधी बीमारियों से बचाता है।
- हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में इफेक्टिव है।
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- स्प्रिंट करने से पहले वार्मअप करें।
- अपनी क्षमता के अनुसार ही इसे करें।
- शुरुआत में ज्यादा देर इसे करने से बचें।
- अपने पोश्चर का ख्याल रखें।
- स्प्रिंट करने के लिए समतल जगह का चुनाव करें ताकि एक्सरसाइज करने में आसानी हो।
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